Ayatul Kursi Hindi Pronounce Translation Fazilat - आयतुल कुर्सी हिंदी उच्चारण अर्थ फ़ज़ीलत

Ayatul Kursi Hindi Pronounce Translation Fazilat - आयतुल कुर्सी हिंदी उच्चारण अर्थ फ़ज़ीलत

Ayatul Kursi Hindi Pronounce Translation Fazilat - आयतुल कुर्सी हिंदी उच्चारण अर्थ फ़ज़ीलत
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो शख़्स हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ा करे तो उसको जन्नत में दाख़िल होने के लिए सिवाय मौत के कोई चीज़ रोक नहीं सकती है यानी मौत के बाद फ़ौरन वो जन्नत के आसार और राहत व आराम को देखने लगेगा इन शा अल्लाह ।

अरबी में
بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
اللَّـهُ لَا إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ ۚ لَا تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلَا نَوْمٌ ۚ لَّهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۗ مَن ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِندَهُ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۚ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ۖ وَلَا يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِّنْ عِلْمِهِ إِلَّا بِمَا شَاءَ ۚ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ ۖ وَلَا يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا ۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ

आयतुल कुर्सी हिंदी उच्चारण
बिस्मिल्लाहिर राहमानिर राहीम

  1. अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू
  2. अल हय्युल क़य्यूम
  3. ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
  4. लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़
  5. मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इजनिह
  6. यअलमु मा बैना अयदी हिम वमा खल्फहुम
  7. वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ
  8. वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
  9. वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा
  10. वहुवल अलिय्युल अज़ीम
  11. आयतुल कुर्सी का हिंदी तर्जुमा
  12. बिस्मिल्लाहिर राहमानिर राहीम


आयतुल कुर्सी हिंदी अर्थ
शुरू करता हु अल्लाह के नाम से जो निहायत मेहरबान व रहम वाला है 
  1. अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं
  2. वही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है
  3. न उसको ऊंघ आती है न नींद
  4. जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का है
  5. कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके
  6. वो उसे भी जनता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल है
  7. बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे
  8. उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है
  9. ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं
  10. वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है

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आयतुल कुर्सी हिंदी उच्चारण
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाहु ला इला-ह इल्ला हु-व अल्-हय्युल-कय्यूमु ला तअ्खुजुहू सि-नतुंव व ला नौमुन् लहू मा फिस्समावाति व मा फिल्अर्जि मन् जल्लज़ी यश्फ़अु अिन्दहू इल्ला बि-इज्निही यअ्लमु मा बै-न ऐदीहिम व मा खल्फहुम व ला युहीतू-न बिशैइम् मिन् अिल्मिही इल्ला बिमा शा-अ वसि-अ कुर्सिय्यूहुस्समावाति वल्अर्-ज़ व ला यऊदुहू हिफ्जुहुमा व हुवल् अलिय्युल अजीम

आयतुल कुर्सी हिंदी अर्थ
शुरु अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है
ख़ुदा ही वो ज़ाते पाक है कि उसके सिवा कोई माबूद नहीं (वह) ज़िन्दा है (और) सारे जहान का संभालने वाला है उसको न ऊँघ आती है न नींद जो कुछ आसमानो में है और जो कुछ ज़मीन में है (गरज़ सब कुछ) उसी का है कौन ऐसा है जो बग़ैर उसकी इजाज़त के उसके पास किसी की सिफ़ारिश करे जो कुछ उनके सामने मौजूद है (वह) और जो कुछ उनके पीछे (हो चुका) है (खुदा सबको) जानता है और लोग उसके इल्म में से किसी चीज़ पर भी अहाता नहीं कर सकते मगर वह जिसे जितना चाहे (सिखा दे) उसकी कुर्सी सब आसमानॊं और ज़मीनों को घेरे हुये है और उन दोनों (आसमान व ज़मीन) की निगेहदाश्त उसपर कुछ भी मुश्किल नहीं और वह आलीशान बुजुर्ग़ मरतबा है




आयतुल कुर्सी की फ़ज़ीलत
  1. इस सूरह को खाने और पानी में फॉकने से बरकत होती है। 
  2. आयतुल कुर्सी पढ़ने वाला सुबह से शाम तक जिन्नात के बुरे असर से बचे रहते हैं।
  3. आयतुल कुर्सी कुरान करीम के एक चौथाई के बराबर है। 
  4. यह क़ुरआन करीम की एक बहुत अज़ीम आयत है। 
  5. हज़रत अली रज़ी. अंह. फरमाते है मैने रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को फरमाते हुए सुना जो शख्स हर नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़े गा उसको जन्नत में दाखिल होने से कोई चीज़ नहीं रोक सकती, वो मरते ही जन्नत में चला जायेगा। और जो शख्श रात को सोने से पहले इसे पढ़ेगा तो वो, उसके पड़ोसी और उसके आस पास के घर वाले शैतान और चोरों से मेहफ़ूज़ रहेंगे। 
  6. जो कोई भी सुबह अयातुल कुर्सी और सूरह गफिर की तिलावत करके अपने दिन की शुरुआत करता हे  तो वो सुबह से लेकर शाम तक मेहफ़ूज़ रहता है ।
  7. अगर कोई आयतुल कुर्सी का पढ़ता है, तो अल्लाह उसके घर लौटने तक उसके लिए इस्तिफार करने के लिए 70,000 फ़रिश्ते भेजेगा, और उसके लौटने पर गरीबी दूर हो जाएगी।
  8. सूरे बकराह की, फिर आयतुल कुर्सी और फिर सूरे बकराह की अंतिम 3 आयतों को उसके माल, या  किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होगी, शैतान उसके पास नहीं आएगा और वह कुरान को नहीं भूलेगा।
  9. आयतुल कुर्सी को बार बार पढ़ने से मोत  वक़्त ज़ादा तकलीफ नहीं होती 
  10. हमारे पैगंबर रसूल अल्लाह मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा है: जो कोई भी पहली 4 आयतों का पढ़ता है 
  11. जो हर सुबह आयतुल कुर्सी का पढ़ता है वह रात तक अल्लाह की हिफाज़त में रहता है ।
  12. इस आयत को पढ़ने वाला, उसके बच्चे, उसका माल और उसके पड़ोसी मेहफ़ूज़ रहते हैं।  
  13. जो कोई हर फर्ज़ की नमाज़ के बाद इसे पढ़ता है, उसे कृतज्ञ दिल, याद रखने वाली जीभ, उसे अल्लाह के राह में शहीद होने का इनाम दिया जाएगा, और उसे सिद्दीकी की तरह पुरस्कृत भी किया जाएगा।
  14. जो कोई इसे सूरह बकराह की आखिरी आयतों के साथ आयतुल कुर्सी को पढ़ता है, शैतान तीन दिनों तक उसके घर में दाखिल नहीं होता है।
  15. जब सूरह बकराह की आखिरी आयत के साथ पढ़ा जाता है तो पढ़ने वाले की दलील अनसुनी नहीं होती ।
  16. आयतुल कुर्सी आसमान, धरती, जन्नत और जहन्नम से भी बड़ा है।
  17. जिन्नात ऐसा कोई बर्तन नहीं खोल सकता जिस पर वह पढ़ा हो।
  18. हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो शख़्स हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ा करे तो उसको जन्नत में दाख़िल होने के लिए सिवाय मौत के कोई चीज़ रोक नहीं सकती है यानी मौत के बाद फ़ौरन वो जन्नत के आसार और राहत व आराम को देखने लगेगा इन शा अल्लाह ।
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