Surah Ash Shams in Hindi सूरह अश शम्स अरबी हिंदी उच्चारण अनुवाद अर्थ

Surah Ash Shams in Hindi सूरह अश शम्स अरबी हिंदी उच्चारण अनुवाद अर्थ

सूरह अश शम्स मक्की | सूरह न० 91  
Surah Ash Shams in Hindi सूरह अश शम्स अरबी हिंदी उच्चारण अनुवाद अर्थ

अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
सूरह अश शम्स अरबी
وَٱلشَّمْسِ وَضُحَىٰهَا
وَٱلْقَمَرِ إِذَا تَلَىٰهَا
وَٱلنَّهَارِ إِذَا جَلَّىٰهَا
وَٱلَّيْلِ إِذَا يَغْشَىٰهَا
وَٱلسَّمَآءِ وَمَا بَنَىٰهَا
وَٱلْأَرْضِ وَمَا طَحَىٰهَا
وَنَفْسٍ وَمَا سَوَّىٰهَا
فَأَلْهَمَهَا فُجُورَهَا وَتَقْوَىٰهَا
قَدْ أَفْلَحَ مَن زَكَّىٰهَا
وَقَدْ خَابَ مَن دَسَّىٰهَا
كَذَّبَتْ ثَمُودُ بِطَغْوَىٰهَآ
إِذِ ٱنۢبَعَثَ أَشْقَىٰهَا
فَقَالَ لَهُمْ رَسُولُ ٱللَّهِ نَاقَةَ ٱللَّهِ وَسُقْيَٰهَا
فَكَذَّبُوهُ فَعَقَرُوهَا فَدَمْدَمَ عَلَيْهِمْ رَبُّهُم بِذَنۢبِهِمْ فَسَوَّىٰهَا
وَلَا يَخَافُ عُقْبَٰهَا


सूरह अश शम्स हिंदी उच्चारण
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम 
वश्शम्सि व जुहाहा 
वल्क़ – मरि इज़ा तलाहा 
वन्नहारि इज़ा जल्लाहा 
वल्लैलि इज़ा यग्शाहा  
वस्समा – इ व मा बनाहा 
वल्अर्जि व मा तहाहा
व नफ़्सिंव् – व मा सव्वाहा 
फ़ – अल्ह – महा फुजूरहा व तक़्वाहा
क़द् अफ़्ल – ह मन् ज़क्काहा 
व क़द् ख़ा – ब मन् दस्साहा 
कज़्ज़बत् समूदु बितग़्वाहा 
इज़िम् ब – अ़ – स अश्का़हा 
फ़का़ – ल लहुम् रसूलुल्लाहि ना – क़तल्लाहि व सुक़्याहा 
फ़ – कज़्ज़बूहु फ़ – अ़ – क़रूहा फ़ – दम् – द – म अ़लैहिम् रब्बुहुम् बिज़म्बिहिम् फ़ – सव्वाहा 
व ला यख़ाफु अुक़्बाहा 




सूरह अश शम्स हिंदी अनुवाद अर्थ
अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।
साक्षी है सूर्य और उसकी प्रभा,
और चन्द्रमा, जबकि वह उसके पीछे आए,
और दिन, जबकि वह उसे प्रकट कर दे,
और रात, जबकि वह उसको ढाँक ले।
और आकाश और जैसा कुछ उसे उठाया,
और धरती और जैसा कुछ उसे बिछाया।
और आत्मा और जैसा कुछ उसे सँवारा।
फिर उसके दिल में डाली उसकी बुराई और उसकी परहेज़गारी।
सफल हो गया जिसने उसे विकसित किया।
और असफल हुआ जिसने उसे दबा दिया।
समूद ने अपनी सरकशी से झुठलाया,
जब उनमें का सबसे बड़ा दुर्भाग्यशाली उठ खड़ा हुआ,
तो अल्लाह के रसूल ने उनसे कहा, "सावधान, अल्लाह की ऊँटनी और उसके पिलाने (की बारी) से।"
किन्तु उन्होंने उसे झुठलाया और उस ऊँटनी की कूचें काट डालीं। अन्ततः उनके रब ने उनके गुनाह के कारण उनपर तबाही डाल दी और उन्हें बराबर कर दिया।
और उसे उसके परिणाम का कोई भय नहीं।




सूरह अश शम्स अरबी, हिंदी उच्चारण, अनुवाद अर्थ
 وَالشَّمْسِ وَضُحَاهَا
वश्शम्सि व जुहाहा (1) 
साक्षी है सूर्य और उसकी प्रभा,
  وَالْقَمَرِ إِذَا تَلَاهَا
वल्क़ – मरि इज़ा तलाहा (2)
और चन्द्रमा, जबकि वह उसके पीछे आए,
  وَالنَّهَارِ إِذَا جَلَّاهَا
वन्नहारि इज़ा जल्लाहा (3)
और दिन, जबकि वह उसे प्रकट कर दे,
  وَاللَّيْلِ إِذَا يَغْشَاهَا
वल्लैलि इज़ा यग्शाहा (4) 
और रात, जबकि वह उसको ढाँक ले।
  وَالسَّمَاءِ وَمَا بَنَاهَا
वस्समा – इ व मा बनाहा (5)
और आकाश और जैसा कुछ उसे उठाया,
  وَالْأَرْضِ وَمَا طَحَاهَا
वल्अर्जि व मा तहाहा (6) 
और धरती और जैसा कुछ उसे बिछाया।
  وَنَفْسٍ وَمَا سَوَّاهَا
व नफ़्सिंव् – व मा सव्वाहा (7)
और आत्मा और जैसा कुछ उसे सँवारा।
  فَأَلْهَمَهَا فُجُورَهَا وَتَقْوَاهَا
फ़ – अल्ह – महा फुजूरहा व तक़्वाहा (8)
फिर उसके दिल में डाली उसकी बुराई और उसकी परहेज़गारी।
  قَدْ أَفْلَحَ مَن زَكَّاهَا
क़द् अफ़्ल – ह मन् ज़क्काहा (9) 
सफल हो गया जिसने उसे विकसित किया।
  وَقَدْ خَابَ مَن دَسَّاهَا
व क़द् ख़ा – ब मन् दस्साहा (10)
और असफल हुआ जिसने उसे दबा दिया।
  كَذَّبَتْ ثَمُودُ بِطَغْوَاهَا
कज़्ज़बत् समूदु बितग़्वाहा (11)
समूद ने अपनी सरकशी से झुठलाया,
  إِذِ انبَعَثَ أَشْقَاهَا
इज़िम् ब – अ़ – स अश्का़हा (12)
जब उनमें का सबसे बड़ा दुर्भाग्यशाली उठ खड़ा हुआ,
  فَقَالَ لَهُمْ رَسُولُ اللَّهِ نَاقَةَ اللَّهِ وَسُقْيَاهَا
फ़का़ – ल लहुम् रसूलुल्लाहि ना – क़तल्लाहि व सुक़्याहा (13)
तो अल्लाह के रसूल ने उनसे कहा, "सावधान, अल्लाह की ऊँटनी और उसके पिलाने (की बारी) से।"
  فَكَذَّبُوهُ فَعَقَرُوهَا فَدَمْدَمَ عَلَيْهِمْ رَبُّهُم بِذَنبِهِمْ فَسَوَّاهَا
फ़ – कज़्ज़बूहु फ़ – अ़ – क़रूहा फ़ – दम् – द – म अ़लैहिम् रब्बुहुम् बिज़म्बिहिम् फ़ – सव्वाहा (14)
किन्तु उन्होंने उसे झुठलाया और उस ऊँटनी की कूचें काट डालीं। अन्ततः उनके रब ने उनके गुनाह के कारण उनपर तबाही डाल दी और उन्हें बराबर कर दिया।
  وَلَا يَخَافُ عُقْبَاهَا
व ला यख़ाफु अुक़्बाहा (15)
और उसे उसके परिणाम का कोई भय नहीं।